कैलकुलेटर {Calculator} क्या है इसका आविष्कार कब हुआ और यह कैसे काम करता है
Page Headings
कैलकुलेटर Calculator In Hindi : मानव जाति ने जितना भी विकास किया है उसमे भौगोलिक और खगोलिक गणनाओं का विशेष महत्व है। इस आधुनिक युग में कई बड़े बड़े काम चुटकी में संभव हो गए हैं। आज हमारे पास Calculations करने के लिए बहुत
से वैज्ञानिक यंत्र और उपकरण मौजूद है
जिनसे हम चुटकियों में बड़े बड़े सवाल हल कर लेते हैं। मगर ये आश्चर्य की बात है कि बिना किसी उपयुक्त साधन
व् ज्ञान के हमारे पूर्वज इतनी सटीक और बड़ी बड़ी Calculations कैसे कर लेते थे?
How Many Types Of Calculator ?
लगभग 1000 वर्ष पहले हमें ऐसी कोई आधुनिक तकनीक भी नहीं होती थी इसके बावजूद एक से बढ़कर एक इमारत का निर्माण हुआ, जिनकी तकनीक अबतक इस समय के अत्याधुनिक मानव भी नहीं समझ पाए हैं। हमारे पूर्वजों ने अपने ज्ञान और अनुभवों से काफी कुछ सीखकर अपनी गणना की तकनीक विकसित कर ली थी। तो आइये जानते हैं आज के Digital Calculator का आज का स्वरुप हमे मिला कैसे?
नुक़ीली हड्डी | First Calculator Device
इतिहास में दक्षिण अफ्रीका की गुफाओं में कार्बन डेटिंग विधि में पाया गया कि गिनने का सबसे पुराना
उपकरण नुक़ीली हड्डी को माना जाता है। इसका इस्तेमाल 44,000 वर्ष पहले गिनती करने के लिए किया जाता था।

ईशांग हड्डी–
हमारे पूर्वज गणना करने के लिए करीब 30,000 वर्ष पूर्व ईशांग हड्डी का इस्तेमाल टेली की तरह करते थे,
जिसे चंद्र वर्णनावली का विकास माना गया है।

अबेकस– Abacus Kya Hota Hai
इस उपकरण का आविष्कार 2700 वर्ष पहले सुमेरिया क्षेत्र में हुआ था। अबेकस को लकड़ी या प्लास्टिक से बनी छोटी-छोटी फ्रेम सामानांतर तरीके से बनाया गया था जिसमे हर छड़ में 1 से लेकर 9 तक की संख्या होती है। उस समय में लोग फ्रेम को घटा बढ़ा कर 2 या उससे अधिक वस्तु की Calculation करते थे। इसका Use चीन, भारत, जापान और एशिया के अन्य देशों में. फिर बाद में मिस्र, ईरान और Greece जैसे देशों में भी इसका उपयोग होने लगा था। Abacus का इस्तेमाल कई क्षेत्र में लोग आज भी करते हैं।

स्लाइड नियम– Slide Rule
स्कॉटिश गणितज्ञ जॉन नेपियर ने 16 वीं शताब्दी में गणितीय प्रश्नों को हल करने के लिए पहली बार Algorithm की खोज की। Slide Rule में दो पटरियां रहती हैं, जोकि एक दूसरे के सापेक्ष खिसक सकती हैं। स्लाइड रूल का
आकार लगभग 2 इंच लम्बा और 2 इंच चौड़ा होता है।

यांत्रिक कैलकुलेटर-Kalkuletar
यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार विल्हेम शिकार्ड ने Blaise Pascal नाम से सन 1642 में किया था।
समय के साथ-साथ Calculator में कई बदलाव किये गए आगे चलकर सन 1902 में अमेरिका में John Dalton
ने डाल्टन एडिंग मशीन का आविष्कार किया।

स्टेप्पेड रेकोनेर– Stepped Reckoner
Gottfried Wilhelm Leibniz ने दुनिया का सबसे आधुनिक और ‘कर्सर’व् ‘मेमोरी’ जैसी सुविधा से युक्त गणना
उपकरण स्टेप्पेड रेकोनेर था, जिससे घटाव, गुणा और भाग का काम बेहद सरल हो गया।

अरिथमोमीटर-Arithmometer
Thomas Day kolmar ने 1820 में अरिथमोमीटर का अविष्कार किया था. 1851 से 1890 तक अरिथमोमीटर
बाकि सारी मशीनी कैलकुलेटर में सबसे आधुनिक और सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला कैलकुलेटर था। इसका उपयोग ऑफिस कार्य में होता था।

कोम्प्तोमीटर–
सन 1887 में पहला कुंजी बोर्ड के साथ एक मशीनी कैलकुलेटर कोम्प्तोमीटर का अविष्कार हुआ.
इस कुंजी बोर्ड में 8 कॉलम थे. प्रत्येक कॉलम में 9 अंक के साथ कुल 72 अंक निर्मित थे।
यह मशीन पास्कल कैलकुलस यंत्र पर आधारित था।
एनालिटिकल इंजन– Analytical Engine
यह दुनिया का पहला प्रोग्रामैटिक डिवाइस था, जोकि पूरी तरह Programmer के अधीन कार्य करता था। इसमें 2 इनपुट भाग थे और 3 आउटपुट के साथ साथ CPU और Memory जैसी सुविधा थी। दुर्भाग्य से पैसों की कमी की वजह से एनालिटिकल इंजन प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं हो पाया।

मिलिनेयर– Millionaire Calculator Machine
1893 में लेओन बोली ने मिलियनेयर डिवाइस का आविष्कार किया था. इसकी यह ख़ासियत थी कि इसके उपयोग से किसी भी Numeric का गुणा बहुत से आसानी से हो जाता था। इससे पहले के सभी कैलकुलेटर्स में या तो यह सुविधा नहीं थी या फिर काफी मशक्कत के बाद ही मुमकिन हो पाता था।

इंजीनियरिंग कैलकुलेटर
USSR में चिप लेवल के कैलकुलेटर का आविष्कार 27 इंजीनियर ने मिलकर किया। 1975 में इंजीनियरिंग कैलकुलेटर “इलेक्ट्रॉनिक्स बी 3-18” में वर्गमूल, डिग्री, लघुगणक और एक Transistor Microprocessors के कारण ये काफी लोकप्रिय रही।
हालाँकि सन 1960 के दशक में ही Electronic Calculator विकसित कर लिया गया था जो आकार में काफी छोटा हुआ करता था, जिसको आसानी से आप अपनी जेब में भी रख सकते थे।
मगर 70 के दशक में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाने वाली कंपनी Intel और जापानी कैलकुलेटर बनाने वाली कंपनी Busicom ने मिलकर छोटे आकार वाले इलेक्ट्रॉनिक और आधुनिक कैलकुलेटर बनाने में बड़ी सफलता हासिल की जिन्हें आज भी इस्तेमाल किया जाता है।
इसके बाद समय के साथ साथ इसमें Technology का भी प्रयोग किया गया जिससे इनमे और सुधार किये गए और आज के समय में काफी आधुनिक और Scientific Calculator उपलब्ध हैं जिनके जरिये त्रिकोणमिति फंक्शन्स को भी आसानी से हल किया जा सकता है।
हो सकता है आने वाले समय में इसमें और सुधार हो और हमें इससे भी आधुनिक कैलकुलेटर इस्तेमाल करने को मिलें।
आप को हमारे जरिये दी गई ये जानकारी कैसी लगी हमको कमेंट मे लिख कर जरूर बताये, धन्यवाद
अन्य महत्वपूर्ण लेख: